उत्तराखंड के एक स्कूल में बच्चों को अम्मी अब्बू पढाये जाने पर विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल एक पिता ने डीएम से शिकायत कर बच्चों के पाठ्यक्रम में अम्मी अब्बू पढ़ाए जाने पर आपत्ति जताई है। पिता का कहना है की यह पढ़कर उनका बच्चा अपने माता पिता को अम्मी-अब्बू कहकर पुकारने लगा।
हिन्दू बच्चा अपने माता पिता को अम्मी-अब्बू पुकारने लगा।
सात साल का एक हिंदू बच्चा आईसीएसई बोर्ड से संबद्ध देहरादून के एक निजी स्कूल में पढ़ता है. वह कक्षा दो का छात्र है. स्कूल में अंग्रेजी की किताब गुलमोहर चलती है. किताब के एक चैप्टर में फादर का अर्थ अब्बू और मदर का अर्थ अम्मी लिखा है. इस चैप्टर को पढ़ने के बाद बच्चा भी अपने परिजनों को अम्मी-अब्बू कहकर पुकारने लगा. जिसको लेकर परिजनों ने आपत्ति जताई।
डीएम से की शिकायत।
बाद में उन्होने डीएम देहरादून सोनिका को इसकी लिखित शिकायत की है. मामला अब सोशल मीडिया में भी तूल पकड़ रहा है. हिन्दू संगठन से जुड़े लोग इसे हिन्दुओं की धार्मिक भावना से खिलवाड़ मान रहे हैं. इस पूरे मामले में स्कूल की प्रिंसिपल का कहना है कि आईसीएसई के सिलेबस के हिसाब से किताब पढ़ाई जा रही है, और इसी साल ये चैप्टर नया आया है. जबकि डीजी एजुकेशन जांच की बात कहते हैं।
पहली बार किसी बच्चे के परिजन ने आपत्ति जताई।
इस मामले पर स्कूल की प्रिंसिपल निशा शर्मा का कहना है कि यह किताब पिछले 2 साल से उनके स्कूल में चल रही है। पहली बार किसी बच्चे के परिजन ने इस पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि आईसीएसई के ही करिकुलम के हिसाब से ही उन्होंने यह किताब स्कूल में लगाई है।