उत्तराखंड के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में पालतू पशुओं में लंपी स्कीन डिजिट वायरस तेजी से फैल रहा है। घाटी वाले क्षेत्रों में दर्जनों गांवों में लंपी वायरस दस्तक दे चुका है। पशु चिकित्सा विभाग में पशु चिकित्साधिकारियों के एक दर्जन से अधिक पद रिक्त चल रहे हैं। जिस कारण मवेशियों को समुचित उपचार नहीं मिल पा रहा है। उपचार के अभाव में पशु दम तोड़ दे रहे हैं।
विभाग की सुस्त कार्यप्रणाली पर पशुपालकों में रोष बना हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों पशु लगातार बीमार पड़ रहे हैं। लंपी वायरस की चपेट में आने के बाद पशुओं के शरीर में दाने हो रहे हैं। फिर पशुओं को तेज बुखार आ रहा है। पशु खाना-पीना छोड़ दे रहे हैं।
करीब एक सप्ताह के बाद पशु अपनी जगह पर से उठ भी नहीं पा रहे हैं। समय से उपचार नहीं मिलने पर पशुओं की मौत तक हो जा रही है। हालात यह है कि पशु चिकित्सा विभाग में एक दर्जन से अधिक अस्पतालों में पशु चिकित्सा अधिकारियों के पद खाली पड़े हुए हैं।
कई अस्पतालों में फार्मासिस्ट व पशुधन प्रसार अधिकारियो के पद कई वर्षों से रिक्त चल रहे हैं। एक पशु चिकित्सा अधिकारी दो से अधिक पशु अस्पतालों का कार्य देखने को मजबूर हैं। पशु स्वाथ्य विभाग में कर्मचारियों की कमी के कारण समय से ग्रामीण क्षेत्रो में पशुओं को उपचार नहीं मिल पा रहा है।
पशु सेवा केंद्रों में लटका ताला।
पहले आठ से 10 गांवो के केंद्र में एक पशु सेवा केंद्र खोला गया था। उनमें एक पशुधन प्रसार अधिकारी की नियुक्ति होती थी, लेकिन पिछले 7-8 वर्षों से इन पशु सेवा केंद्रों में ताला लटका हुआ है। यदि इन पशु सेवा केंद्रों में खाली पड़े पदों को समय से भरा जाता तो आज ग्रामीण स्तर पर इस बीमारी को पशुओं में फैलने में काफी हद तक काबू पाया जा सकता था।
पशु पालक अपने स्तर से कैसे कर सकते है बचाव।
ग्रामीण क्षेत्रो में आज भी सड़कों का ना होना ओर संसाधनों का अभाव, विभाग में कर्मचारियों का टोटा सबसे बड़ी परेशानी का सबब बना हुआ है। पालतू पशुओं में यदि इस बीमारी के लक्षण दिखे तो पशुपालकों को अपने पशुओं पर हल्दी, चन्दन का लेप लगाना चाहिए। नारियल का तेल का उपयोग करना चाहिए। जिससे पशुओं के शरीर को ठंडक पहुचाई जा सके और उनको बांधे नहीं रखना चाहिए।
इन गांवों में तेजी से फैल रहा वायरस।
सैनर, भट्टीगाव, मढ़, जजोली, थल, गोल, हीपा, नायल सपोली, लोदियाथल, प्रेमनगर, सेलावन, सिल्दों, चौसाला, बेरीगाव, बड़ेत शानिगाव, चलमोडी, पांखू, जगथली. कांडे किरौली, उडियारी. बैठोली सहित नाचनी क्षेत्रो के गांवो में तेजी से लंपी वायरस दस्तक दे चुका है।