दरअसल, पेड़ो पर चढ़ने की कला काफी कम लोगों को ही आ पाती है. भारत में ऐसे बहुत से किसान है जो सुपारी, ताड़, नारियल और खजूर को तोड़ने के लिए रोजाना ऊंचे पेड़ों पर चढ़ते है. इसके साथ ही वे फलों पर कीटनाशक दवा और पत्तियों की छटाई के लिए भी पेडों पर चढ़ाई करते है. ऐसे कामों के लिए किसानो को मुहं मांगी कीमत मिलती है.
तमिलनाडू के एक किसान जिनका नाम गणपति भट है उन्होनें हालही में पेड़ो पर चढ़ने के लिए एक स्कूटर का आविष्कार किया है. जिसे उन्होनें ट्री क्लाइंबिंग स्कूटर का नाम दिया है. ये स्कूटर उन्होनें फल और अन्य कामों को करने के लिए बनाया है. इसके बारें में जानकारी देते हुए किसान ने बताया की काम के लिए मजदूर ना होने के कारण उन्होनें इस स्कूटर का निर्माण किया.
इस स्कूटर के अब तक वे 500 से ज्यादा यूनिट बेच चुके है. उन्हें ये उम्मीद है की इस क्लाइंबिंग स्कूटर की मा्ंग आने वाले दिनों में बढ़ जाएगी. इस क्लाइंबिंग स्कूटर की खास बात ये है की ये 30 सेकेंड में 80 मीटा लंबे पेड़ पर चढ़ सकता है.इस काम को करने में काफी जोखिम हो सकता है क्योंकि पेड़ की स्तह खुदरी होती है.
ये स्कूटर ना केवल फलो को तोड़ने के काम आता है परंतु फलों पर कीटनाशक का छिड़काव करने के भी काम आता है. ये स्कूटर एक सीट दो पहियें और एक छोटे मोटर से बना है.किसान ने ये स्कूटर 40 लाख के खर्च के बाद बनाया है.