दरअसल,इसराइली सरकार ने देश की न्याय व्यवस्था में बदलाव की योजना को लोगों के सामने रखा,जिसके बाद से ही देश में भयंकर दिरोध प्रदर्शन जारी है. बताया जा रहा है की ये इसराइल के इतिहास में हुए अब तक सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन है.
लोग सड़को पर उजर आए है, हाइफ़ा समेत कई बड़े शहरो से भारी मात्रा में लोग कर रहे है प्रदर्शन.सरकार के ख़िलाफ़ हो रहे इस प्रदर्शन में इसराइल की राजधानी तेल अवीव से लगभग 2 लाख लोग शामिल हो चुके है. लोगों का कहना है की सरकार द्वारा बताए जा रहे सुधारो से देश का लोकतंत्र हो सकता है कमजोर वहीं सरकार का कहना है की मतदाताओं के लिहाज से ये सुधार है बेहतर.
शनिवार को देश के कई हिस्सों में हुए विरोध प्रदर्शन में करीबन 5 लाख हुए थे शामिल.इसराइल के दक्षिण में आयोजित बीएर शेवा में आयोजित एक प्रदर्शन के चलते विपक्षी नेता याएर लैपिड ने बताया की देश “अपने इतिहास के सबसे गंभीर संकट से जूझ रहा है.” देश में छा रही आतंकवाद की लहर,इसराइली अर्थव्यवस्था का हो रहा बुरा हाल.
तेल अवीव में विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा लेने वाले लोगों का कहना है, की ये प्रदर्शन केवल न्याय व्यवस्था के लिए दिए गए सुझाव के लिए नही है बल्कि देश को तानाशाहों के हाथों से बचाने के लिए भी है.
वहीं प्रदर्शन में शामिल मिरी लहात नामक एक महिला का कहना है की, ये प्रदर्शन देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ है जो तानाशाह बनते जा रहे है,साथ ही में उन्होनें कहा की,हमारा देश गणतंत्र रहना चाहिए.