Israel-Hamas-War: इजरायल और हमास के बीच में चल रहे इस भीषण युद्ध का सबसे ज्यादा असर बच्चों में ही देखनें केा मिल रहा है. आपको बता दें, कि युद्ध के दौरान बुहत से बच्चों की जानें जा चुकी है.
खबरों के हवालें से ये पता चला है, कि बच्चें अपने घरों पर और बाकी जगहों पर गोलीबारी और बमों को गिरते हुए देख रहे है. जिसके बाद से उनके मनों में डर बैठ चुका है. अपने घरवालों को बच्चें मरते हुए देख रहे है. बच्चें अपने आस पास लोगों को मरते हुए देख रहे है. लोग अपने आप को बचानें के लिए अस्थायी जगहों पर में सरण ले रहे है. छोटे छोटे बच्चें से मौत का मंजर देख कर के सहम चुके है. जहां पर हर तरफ से केवल चीखें ही सुनाई दे रही है. लोगों के घर तबाह हो चुके है. अस्पतालों में फर्श पर मरीज अपना ईलाज करा रहे है. आपको बता दें, कि डाॅक्टरर्स के पास अस्पतालों में कोई सुविधांए उपलब्ध नही हो रही है.
मनोचिकित्सक की एक रिपोर्ट से ये पता चला है, कि बच्चों में बहुत से ऐसे लक्षण देखनें को मिल रहे है, जिनसे ये साबित हो रहा है, कि उनके भीतर मौत का डर बैठ चुका है. इसके साथ ही उनके शरीर में एक अजीब सी ऐंठन देखने को मिल रही है. बच्चें अपने माता पिता के साथ छूटने से काफी खौम में है. खबरों के हवाले से ये सामने आया है, कि अभी तक हमलों के दौरान 4000 से भी कई ज्यादा फलीस्तीनी लोगों को मौत के घाट उतार दिया जा चुका है. इसके साथ ही में इन आकड़ों में 1,500 से भी ज्यादा बच्चें शामिल है. बताया जा रहा है, कि घायलों की संख्या दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है.
लगातार हो रही बमबारी से बचनें के लिए लोग अब बड़ी संख्या में यूएन के स्कूलों में अस्थायी आश्रयों में छिपनें के लिए मजबूर हो गए है. इन लोगों की संख्या तकरीबन 380,000 लोगों तक की है. मंजर इतना ज्यादा बिगड़ चुका है, कि एक कमरे में 100 लोग साथ में रह और सो रहे है.