जीभ के रंग-रूप से पता चलता है कि आपके सेहत में क्या अच्छा और क्या गड़बड़ चल रहा है। हमारी ज़बान हमेशा गुलाबी नहीं रहती। जब भी आप किसी बीमारी से जूझ रहे होते हैं, तो आपकी ज़बान का रंग भी बदल जाता है।हमारी बॉडी जब किसी बीमारी से लड़ रही होती है तब जीभ पर सबसे पहले असर आता है और लक्षण साफ दिखते हैं। आइए जानते हैं कैसे जीभ से आप अपनी बीमारी को समझ सकते है।
हल्के लाल और सफेद स्पॉट्स
अगर आपकी जीभ हल्की लाल रहती है और सफेद स्पॉट्स नजर आते हैं तो खाने में थोड़ा परहेज करना होगा. यह जीभ का सबसे सामान्य रूप है इलसिए परेशानी की कोई बात नहीं है. जीभ पर सफेद धब्बे वहां दिखाई पड़ते हैं जहां टेस्ट बड्स थोड़े घिस जाते हैं. सिर्फ साफ-सफाई का ध्यान रखें और मसालेदार भोजन खाने से बचें।
मुंह के अंदर सफेद दाग
जीभ पर सफेद धब्बे दिखाई देना यीस्ट इन्फेक्शन का संकेत हो सकता है. ये समस्या आमतौर पर बच्चों और बुजुर्गों में ज्यादा देखी जाती है. जीभ पर सफेद धब्बे ल्यूकोप्लाकिया की समस्या का सिग्नल भी देते हैं. ज्यादातर ल्यूकोप्लाकिया के पैचेस कैंसर वाले नहीं होते हैं।
बैंगनी
अगर आपकी जीभ बैंगनी रंग की है तो इसका मतलब आपके शरीर में रक्त का संचार सही तरीके से नहीं हो रहा है। फेफड़ों या दिल से संबंधित कई तरह की समस्याओं के कारण रक्त परिसंचरण खराब हो सकता है। अगर आप दिल की किसी बीमारी से जूझ रहे हैं, तो आप लंबे समय तक बैंगनी रंग की जीभ देखेंगे।
लाल जीभ
जीभ का लाल होना कावासाकी डिजीज का संकेत हो सकता है. ये रोग पूरे शरीर में ब्लड वैसल्स और वास्कुलिटिस की वॉल्स में सूजन का कारण बनता है. कावासाकी रोग वाले अधिकतर बच्चे 1 से 5 साल की उम्र के बीच होते हैं. हालांकि ये बीमारी शिशुओं और बच्चों के साथ-साथ किशोरों को भी प्रभावित कर सकती है।