अपनी जिंदगी को खतरे में डालकर काम करने वाले पत्रकारों की आवाज को कोई ताकत न दबा सके, इसके लिए उन्हें स्वतंत्रता मिलना बहुत जरूरी है. तभी वे अपने काम को अच्छे से कर पाएंगे. इसी उद्देश्य के साथ हर साल 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है।
क्या है इस साल की थीम।
आज हम 30वां वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे मना रहे हैं। 1991 में अफ्रीका में पहली बार इस मुहिम को छेड़ा गया। वहां के पत्रकारों ने प्रेस की आज़ादी के लिए आवाज़ उठाई। इन्होने 3 मई को ‘विंडहोक की घोषणा’ की थी जिसके अंतर्गत पत्रकारिता की आजादी के सिद्धांतो को लेकर बयान जारी किया गया था। इसके दो साल बाद 1993 में यूनेस्कों की सिफारिश के बाद संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने पहली बार इस दिन को मनानेका निर्णय लिया था और तबसे लेकर अब तक हर साल 3 मई को विंडहोक की घोषणा की वर्षगांठ को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। हर साल इस दिन को एक विशेष थीम पर मनाया जाता है। इस साल की थीम ‘अधिकारों के भविष्य को आकार देना: अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अन्य सभी मानवाधिकारों के चालक के रूप में।
इतिहास।
साल 1991 में अफ्रीका के पत्रकारों ने प्रेस की आजादी के लिए पहली बार मुहिम छेड़ी थी। 3 मई को प्रेस की आजादी के सिद्धांतों को लेकर एक बयान जारी किया गया था, इसे डिक्लेरेशन ऑफ विंडहोक के नाम से जाना जाता है. इसके ठीक दो साल बाद 1993 में संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने पहली बार विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाने की घोषणा की. तब से आज तक 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
‘हमारी सारी स्वतंत्रता प्रेस की स्वतंत्रता पर निर्भर करती है’ – संयुक्त राष्ट्र महासचिव
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से एक स्वर से बोलने का आग्रह किया और अपना काम करने के लिए पत्रकारों की नजरबंदी और कारावास को रोकने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि दुनिया के हर कोने में प्रेस पर हमले हो रहे हैं।
गुटेरेस ने रेखांकित किया कि हमारी सारी स्वतंत्रता प्रेस की स्वतंत्रता पर निर्भर करती है। विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस 2023 से पहले अपने वीडियो संदेश में उन्होंने कहा, प्रेस की स्वतंत्रता लोकतंत्र और न्याय की नींव है।