हेल्दी लाइफस्टाइल एन्जॉय करने के लिए भरपूर नींद लेना भी जरूरी होता है. हालांकि कुछ लोग अक्सर स्लीप डिसऑर्डर का शिकार हो जाते है. जिससे उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती है। एक्सपर्ट्स के अनुसार रात में 6-8 घंटे की नींद लेना जरूरी होता है. आजकल की बिजी लाइफस्टाइल और स्ट्रैस के कारण कई लोगों को रात में नींद नहीं आती है. तो यहाँ हम आपको कुछ टिप्स बता रहे है जिससे आप बेहतर नींद ले सकते है।
सिर की करे मसाज।
रात में नींद ना आने की स्थिति में मसाज थेरेपी ट्राई करना बेस्ट ऑप्शन होता है. इसके लिए थोड़ा सा तेल लेकर सिर की मालिश करें. जिससे आपको काफी रिलैक्स महसूस होगा और नींद भी जल्दी आ जाएगी.
शॉवर ले कर सोये।
रात को गहरी नींद में सोने के लिए आप गुनगुने पानी से बाथ ले सकते हैं. दरअसल गुनगुने पानी से नहाने पर शरीर की सारी थकान मिट जाती है. और नींद अछि आती है।
सही समय पर खाएं खाना
ज्यादातर लोग रात में खाने के तुरंत बाद सोने चले जाते हैं. इससे ना सिर्फ आपको नींद आने में दिक्कत होती है बल्कि डाइजेशन से जुड़ी समस्या भी हो सकती है. इसलिए सोने से 2-3 घंटे पहले खाना खाना बेस्ट रहता है.
स्लीप डे पर कंपनी ने सोने के लिए दी छुट्टी।
एक कंपनी अपने कर्मचारियों को सोने के लिए छुट्टी दी है। ये कोई विदेशी कंपनी नहीं बल्कि भारत की कंपनी है। आज वर्ल्ड स्लीप डे पर बेंगलुरु की कंपनी ने अपने कर्मचारियों को यह अनोखा गिफ्ट दिया है। बेंगलुरु की एक फर्म ने अपने कर्मियों को अनोखा गिफ्ट दिया है। कंपनी ने इंटरनेशनल स्लीप डे पर सभी को छुट्टी दे दी है ताकि वे सो सकें। कंपनी ने कहा कि उसे यह घोषणा करते हुए काफी खुशी हो रही है कि शुक्रवार 17 मार्च 2023 को अंतराष्ट्रीय नींद दिवस के मौके पर वैकल्पिक छुट्टी दी गई है।
क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड स्लीप डे
हेल्दी रहने के लिए अच्छी नींद बहुत जरूरी है। लेकिन आजकल की भागादौड़ी में लोगों की नींद सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है। एक अच्छी नींद हमें कई तरह की बीमारियों से बचाती है। नींद से जुड़ी इन्हीं सब समस्याओं को देखते हुए वर्ल्ड स्लीप सोसाइटी ने स्लीप डे की शुरुआत की थी। साल 2008 में पहली बार इन दिन को मनाया गया था।
नींद को लेकर क्या कहते है शास्त्र।
शास्त्रों में बताया गया है कि कभी भी संध्या के समय और खासकर गोधूलि बेला में नहीं सोना चाहिए. इससे घर की सुख-समृद्धि और व्यक्ति की आयु में कमी आती है.शास्त्रों के अनुसार रात्रि के पहले प्रहर में सो जाना चाहिए और ब्रह्मा मुहूर्त में उठकर संध्यावंदन करना चाहिए.हालांकि आधुनिक समय और जीवनशैली में अगर ऐसा संभव न हो तो भी जल्दी सोने और जल्दी उठने का प्रयास करें.दिन का दूसरा प्रहर मध्याह्न कहलाता है जोकि सुबह 9 से दोपहर 12 बजे का होता है. इस समय भूलकर भी नहीं सोना चाहिए.