आज है वर्ल्ड लिवर डे। इन तरीको से जाने आपका लिवर स्वस्थ है या नहीं।

liver

नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिसीज एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है, जिसकी वजह से लिवर में फैट्स जमा होने लगते हैं। शराब के सेवन को लिवर की सेहत के लिए सबसे गंभीर माना जाता है जिसके कारण कई प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं। दूषित खानपान, जंक फूड, शराब पीने का निगेटिव इफेक्ट लिवर पर पड़ता है. जिस तरह से खराब खानपान से बॉडी पर फैट चढ़ने लगती है. इसी तरह लिवर पर फैट जमने लगते है. इसे ही फैटी लिवर कहा जाता है. मगर फैटी लिवर होना कोई सामान्य बात नहीं है. यह बताता है कि लिवर बीमार हो रहा है।

ये है फैटी लिवर के संकेत।

पेट में दर्द होना इसका प्राइमरी लक्षण होता है. जहां लिवर रहता है, वही दर्द होता है. हर समय पेट भरा हुआ रहता है. कुछ खाने को मन नहीं करता. कई बार लिवर वाले हिस्से में सूजन आ जाती है. परेशानी बढ़ने पर जी मिचलाने संबंधी समस्या होने लगती है कमजोरी और थकावट रहने लगती है. स्टूल में चेजिंग आने लगता है. डार्क स्टूल होने लगता है. लिवर में परेशानी बढ़ने पर ब्लिरूबिन लेवल बढ़ने लगता है. इससे आंख, नाखून सब पीले होने लगते हैं. इनके अलावा भ्रम की स्थिति होना, चोट लगने पर बहुत जल्दी खून निकलना शामिल होता है।

एक्ने और रेडनेस भी संकेत हैं।

भवों के बालों का काम होना, गालों का रंग लाल और गुलाबी हो जाना, चेहरे पर सूजन, एक्ने का और बिगड़ जाना भी लिवर की बीमारी के संकेत हो सकते हैं। हालांकि, इनका दिखना जरूरी नहीं लिवर की खराबी से ही जुड़ा हो, इसके पीछे दूसरे कारण भी हो सकते हैं। इसलिए मेडिकल जांच जरूर करवाएं।

फैटी लिवर की वजह से बढ़ते हैं ये जोखिम

फैटी लिवर से अगर आप जूझ रहे हैं, तो इससे कई दूसरी खतरनाक बीमारियों का जोखिम भी बढ़ता है। जैसे कि स्लीप एप्निया, जिसमें सोते समय सांस रुक जाती है, आमतौर पर फैटी लिवर के मरीजों में ही देखी जाती है। स्लीप एप्निया में शरीर को पूरी तरह से आराम नहीं मिल पाता और दिनभर थकावट रहती है, जिससे आपको रोजमर्रा के काम करने में दिक्कत आती है। इसके अलावा नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज भी बेचैनी, अवसाद और चिंता के जोखिम को बढ़ाता है, जिससे आपका काम और प्रोडक्टिलिटी दोनों प्रभावित होते हैं।

इस तरह स्वस्थ्य रख सकते हैं लिवर

फैटी लिवर को तंदरुस्त रखने के लिए लिवर का हेल्दी होना बेहद जरूरी है. खराब लाइफ स्टाइल होते ही लिवर पर खतरा मंडराने लगता है. वजन का नियंत्रित होना बेहद जरूरी है. जंक फूड के बजाय मौसमी फल और सब्जियों को डाइट में शामिल करना चाहिए. फिजिकली एक्टिव जरूर रहें. योगा, एक्सरसाइज का सहारा लें. सिगरेट और शराब से बचकर रहें।

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