भारत इस साल जी20 समिट की अध्यक्षता कर रहा है. इसके तहत भारत द्वारा 22 से 24 मई के बीच प्रस्तावित बैठकें आज से शुरू होंगी।श्रीनगर की डल झील पर बने शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (SKICC) को 25 देशों से आने वाले 60 से ज्यादा प्रतिनिधियों और 100 के करीब टूरिज्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के स्वागत के लिए सजा दिया गया है। यहां आतंकी हमले के खतरे के चलते सुरक्षा काफी सख्त की गयी है. SKICC की तरफ आने-जाने वाली दोनों सड़कों को अगले दो दिन तक आम ट्रैफिक के लिए बंद कर दिया गया है।
भारत में G20 की बैठक पर पाकिस्तान बौखलाया।
G20 समिट की श्रीनगर में होने वाली बैठकों के बीच पाकिस्तान द्वारा जारी पत्र में भारत की छवि को खराब करने के लिए कई विषय शेयर किए गए हैं. इस लेटर में सलाह दी गई है कि भारत को एक फासीवादी राष्ट्र के रूप पेश किया जाए क्योंकिं यहां केवल हिंदू आतंकवादी और चरमपंथी सुरक्षित हैं. पाकिस्तान के पत्र में कहा गया कि भारत में अल्पसंख्यक, महिलाएं, निम्न जातियां, पर्यटक, पत्रकार या भारतीय जनता पार्टी की हिंदुत्व नीतियों की आलोचना करने वाले मीडिया हाउस कोई भी सुरक्षित नहीं हैं।
OIC से जुड़े कई देश शामिल होंगे
G20 के कोऑर्डिनेटर हर्षवर्धन सिंगला के अनुसार कुछ देशों के बैठक में शामिल नहीं होने के बावजूद भी यह G20 की सबसे बड़ी बैठक होगी. इससे कश्मीर के बारे में चलाए जाने वाले दुष्प्रचार को भी दूर करने में मदद मिलेगी क्योंकि इस बैठक में OIC से जुड़े कई देश भी शामिल हो रहे हैं.
कश्मीर में हुए विकास की झांकी
वहीं, जम्मू-कश्मीर प्रशासन भी इस मौके का पूरा फायदा उठाते हुए पिछले कुछ सालों में कश्मीर में हुए विकास की झांकी प्रतिनिधियों के सामने रखेगा. इस कार्यक्रम में जहां देश-दुनिया में पर्यटन की नई नीति तैयार होगी तो वहीं जम्मू-कश्मीर के ग्रामीण आजीविका मिशन के अंदर पिछले तीन वर्षों में नई उद्यमियां बनी महिलाओं की ओर से तैयार सामान की प्रदर्शनी रखी गई है।
कश्मीर में बैठक का क्या है उद्देश्य
अधिकारियों के मुताबिक श्रीनगर में जी-20 की बैठर कराने का उद्देश्य कश्मीर की पर्यटन क्षमता को उजागर करना है और दुनिया को यह दिखाना है कि यह पूरे देश के लिए कितना महत्वपूर्ण है. सुरक्षा एजेंसियों के पास इस बात की जानकारी है कि आंतकवादी G20 बैठक में व्यवधान पैदा करने के लिए आतंकी हमला करने का प्रयास कर सकते हैं।