कर्नाटक के विधानसभा चुनाव से पहले सियासी हमले तेज हो गए हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को भरोसा जताया कि भाजपा इस चुनाव में बहुमत के आंकड़े से 15-20 सीटें ज्यादा जीतेगी। एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पार्टी न गुजरात मॉडल, न कर्नाटक, कोई मॉडल नहीं है। हम मुद्दों के आधार पर उम्मीदवारों में बदलाव करते हैं। शाह ने कहा कि पार्टी कड़े फैसले लेती है, जो हजम कर लेते हैं उन्हें सम्मान मिलता है, जो छोड़कर जाते हैं उनमें से ज्यादातर चुनाव नहीं जीतते हैं।
सत्यपाल मलिक के आरोपों पर कही ये बात।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को सीबीआई द्वारा तलब किए जाने के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर गृह मंत्री ने कहा कि इस तरह का आरोप सही नहीं है क्योंकि जांच एजेंसी ने उन्हें पहले भी बुलाया था। उन्होंने कहा, मैं पूरे भरोसे के साथ कह सकता हूं कि भाजपा ने ऐसा कुछ नहीं किया है जिस पर पर्दा डालने की जरूरत हो। अगर कोई हमसे अलग होने के बाद आरोप लगा रहा है तो मीडिया और लोगों को उसी के अनुसार उसका मूल्यांकन करना चाहिए।
राहुल गांधी ने फाड़ दिया था अध्यादेश।
उन्होंने कहा, जिस कानून के तहत उन्हें दोषी ठहराया गया, वह कांग्रेस सरकार ने बनाया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उस कानून को वापस लेने की कोशिश की लेकिन राहुल गांधी ने खुद अध्यादेश को फाड़ दिया। अब उन्हें पीड़ित की भूमिका नहीं निभानी चाहिए। किसी को यह नहीं सोचना चाहिए कि कोई भी परिवार कानून से ऊपर है। अगर यह अध्यादेश संसद से पारित हो जाता तो किसी भी दोषी सांसद को तत्काल अयोग्य करार दिए जाने से बचा लिया जाता।
‘केंद्र ने नहीं सीबीआई ने भेजा समन’
इसपर अमित शाह ने कहा कि सत्यपाल मलिक को भेजा गया समन सीबीआई की तरफ से था, नाकि केंद्र सरकार की तरफ से. सीबीआई पहले भी उन्हें दो या तीन बार तलब कर चुकी है. वह बस ऐसे बयान देकर जनता को भ्रम में डालने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सत्ता में न होने पर ही अंतरात्मा क्यों जाग जाती है।