सूडान में इस समय हालात बेहद ही खराब हैं और हर दिन संकट बढ़ता जा रहा है। इसके बीच ही अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने इस बात की जानकारी दी है कि सूडान के गृहयुद्ध में दो विरोधी ताकतों ने तीन दिन के युद्धविराम पर सहमति जताई है। एंटनी ब्लिंकन के मुताबिक 48 घंटों तक चली बातचीत के बाद सूडानी सशस्त्र बल (एसएएफ) और रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) 24 अप्रैल की आधी रात से शुरू होकर 72 घंटे तक चलने वाले संघर्षविराम पर सहमति जताई है।
इस समय गृहयुद्ध से जूझ रहे अफ्रीकी देश सूडान में कई भारतीयों फंसे हुए हैं.बीते दिनों सूडान में फंसे कई भारतीयों ने अपनी जान बचाने के लिए सरकार से गुहार लगाई थी भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूडान में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए सरकार द्वारा ऑपरेशन कावेरी अभियान का ऐलान किया है। उन्होंने सोमवार को बताया कि लोगों को सुरक्षित लाने का काम शुरू हो चुका है।
भारत ने लॉन्च किया ऑपरेशन कावेरी।
बता दें कि सूडान में गृहयुद्ध चल रहा है. यहां सेना और पैरामलिट्री (अर्धसैनिक बल) के बीच बीते कई दिनों से भीषण युद्ध चल रहा है. सेना के खिलाफ जंग छेड़ने वाले अर्धसैनिक बल यहां रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के नाम से जाना जाता है. सेना और RSF के बीच असल मुसीबत झेल रहे हैं यहां के आम लोग. देश की राजधानी खार्तूम में सबसे ज्यादा खराब हालात है. यहां एयरपोर्ट और स्टेशन सहित तमाम अहम ठिकानों पर कब्जे को लेकर लड़ाई जारी है.
500 भारतीय पोर्ट सूडान पहुंच गए हैं.।
इसे लेकर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट करते हुए कहा कि, “ऑपरेशन कावेरी सूडान में फंसे हमारे नागरिकों को वापस लाने के लिए चलाया जा रहा है. लगभग 500 भारतीय पोर्ट सूडान पहुंच गए हैं. अभी और भी भारतीय रास्ते में हैं. हमारे जहाज और विमान उन्हें घर वापस लाने के लिए तैयार हैं. भारत सूडान में हमारे सभी भाइयों की सहायता के लिए प्रतिबद्ध है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वायुसेना के दो C-130 विमान और नौसेना का आईएनएस सुमेधा जहाज सूडान में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए सऊदी अरब और सूडान पहुंच चुके हैं. वायुसेना के जहाज सऊदी अरब के जेद्दा में तैनात हैं, जबकि आईएनएस सुमेधा सूडान बंदरगाह पहुंच गया है.
चारों शहरों में से किसी में भी इंटरनेशनल एयरपोर्ट नहीं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सूडान में 4 हजार के आसपास भारतीय हैं. ज्यादातर भारतीय ओमडुरमैन (Omdurman), कसाला (Kassala), गेडारेफ (Gedaref) या अल कादरीफ (Al Qadarif) और वाड मदनी (Wad Madani) जैसे चार शहरों में बसे हुए हैं. इनमें से दो शहर राजधानी खार्तूम से 400 किलोमीटर से भी ज्यादा दूरी पर हैं. वहीं एक शहर की दूरी राजधानी से करीब 200 किलोमीटर है. एक शहर तो राजधानी से सटा हुआ है और उसकी खार्तूम से दूरी मात्र 25 किलोमीटर है. सबसे ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि इन चारों शहरों में से किसी में भी इंटरनेशनल एयरपोर्ट नहीं है.