अजवाइन का औषधीय महत्व भी है साथ ही अजवाइन को किचन में भी उपयोग में लाया जाता है। अजवाइन का उपयोग घरेलू इलाज के तौर पर भी किया जाता है। हैज़ा , कफ , बदहज़मी आदि में अजवाइन का उपयोग लाभकारी है। अजवाइन की खेती से मोटी कमाई की जा सकती है। अजवाइन बाजार में 25000 रूपए प्रति किवंटल से बिकती है।
अजवाइन की खेती के लिए क्या जरुरी है
अजवाईन की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली उपजाऊ मिटटी होनी चाहिए। अजवाइन की खेती सर्दियों के मौसम में की जाती है। इसकी बुवाई का सही समय अगस्त से सितम्बर का है। पौधो में अजवाइन के दाने लगते है जिसको पकने के लिए 30 डिग्री का तापमान चाहिए होता है।
कैसे करे खेती ?
8-10 टन प्रति हेक्टेयर सड़ी हुई गोबर की खाद अथवा कम्पोस्ट को बुआई से एक माह पहले खेत में अच्छी तरह मिला देना चाहिए. 90 किलोग्राम नाइट्रोजन, 40 किलोग्राम फॉस्फेट तथा 30 किलोग्राम पोटाश. नाइट्राेजन की आधी मात्रा एवं फॉस्फोरस तथा पोटाश की सम्पूर्ण मात्रा अन्तिम जुताई के समय खेत मे मिला देनी चाहिए और शेष मात्रा बुआई के 30 से 60 दिन बाद टॉपड्रेसिंग के रूप में सिंचाई के साथ देना चाहिए.
कब करे सिंचाई ?
इसकी 15 से 25 दिनों के अन्तराल में मिट्टी एवं मौसम के अनुसार सिचाई करे। इसके सरक्षण के लिए 20 से 25 किलोग्राम सल्फर का खड़ी फसल पर भुरकाव करना चाहिए या 0.2 प्रतिशत घुलनशील सल्फर का छिड़काव करना चाहिए.