हिंदू धर्म में पितृ पक्ष की काफी ज्यादा मान्यातांए है, ऐसा माना जाता है, कि हमारे पितृ इस समय के दौरान मृत्यूलोक का भ्रमण करते है. तो इस समय में हम अपने पितृों के लिए जब भी भोजन को बनाते है, तो हमें कुछ बातों को ध्यान में रखकर ही भोजन को बनाना चाहिए. तो चलिए जानते है, क्या है ये जरूरी बातें
इन सभी नियमों और बातों का रखें खास ध्यान
जब भी ये श्राद्ध ाक समय आता है, तो हम अपने पितृ के लिए भोजन बना कर के उन्हें अपृण करते है. इसमें इस बात का हमें अवश्य ध्यान रखना चाहिए, कि आप कभी भी गुस्सें में, क्रोध में आकर के या फिर मन में कोई भी हीन भावना होने पर पितरों का भोजन ना तैयार करें. वहीं साथ में कभी भी जूतें और चप्पलों को पहन कर के भोजना कभी भी ना बनांए. आप जो भी भोग पितृ के लिए तैयार करते है, ध्यान रहें की आपका बनाया हुआ भोजन पैरों पर ना गिरें.
इस दिशा में ही बनांए भोजन
वास्तु दिशा का भी ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है. आप जब भी पितरों का खाना बनाते है, तो आपको हमेशा पूर्व की दिशा में ही अपने मुख को कर के खाना बनाना चाहिए. ध्यान में रखें की पितृ भोग बनातें वक्त कभी भी दक्षिण में मुख कर भोजन को तैयार ना करें.
पितरों का मनपसंद खाना ही करें दान
आपको ध्यान रखना चाहिए कि, आप वहीं खाना तैयार करें जो की पितरों को पसंद हो. अगर आप उनकी पसंद का खाना उन्हें अर्पित करते है, तो वे प्रसन्न होते है. इसके साथ ही जब भी आप भोजन को अर्पित करें तो अपने पितरों का हमेशा ध्यान करेें. आपको उनका आशीर्वाद जरूर प्राप्त होगा.
इन सभी को करें पितरों के भोजन केा अर्पित
अगर आप केवल ब्राह्मणों को ही पितरों का भोजन करातें है. तो आपको ये ध्यान में रखना चाहिए, कि आपके पितृ आपसे किसी भी रूप में मिलने के लिए आ सकते है. तो आपको भोजन ब्राह्मणों के साथ गरीबों, गाय, चीटियों और कुत्ते को भी खिलाना चाहिए.