एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया में हिंदू मंदिरों का अपमान ।।।

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खालिस्तान समर्थकों ने शनिवार की सुबह ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन शहर में स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर में तोड़फोड़ कर दी है.दीवारों पर भारत विरोधी चित्रों का उपयोग किया
यहां पर मंदिर की दीवारों पर भी भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाते हुए आपत्तिजनक बातें भी लिखी हैं। और मंदिर पर हमलों के लिए कथित रूप से खालिस्तान समर्थक जिम्मेदार थे.सामने आए फोटो में दिख रहा है कि खालिस्तानियों ने मंदिर की दीवारों पर आपत्तिजनक नारे लिखे हैं। इसमें ‘मोदी टेररिस्ट, हिंदू कौम टेररिस्ट, 1984 सिख नरसंहार’ जैसे नारे लिखे हुए हैं।

मंदिरों में होता है सकारात्मक वातावरण

जहा भारत में मंदिर न सिर्फ पूजा स्थल हुआ करते हैं बल्कि ये सीखने-सिखाने, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सामाजिक बातचीत के केंद्र होते थे.मंदिर
प्रार्थना, ध्यान, कीर्तन, यज्ञ, पूजा, आरती, शंख, घंटियां आदि चीजें होती है। इन सबसे मंदिर का वातावरण धार्मिक हो जाता है। इसी कारण से मंदिर जाने पर मन को शांति मिलती है और व्यक्ति की परेशानीयां भी कम हो जाती है।

लेकिन वही दूसरे देशों में मंदिरों को तोडा जा रहा हैं तो ऑस्ट्रेलिया (Australia) में एक बार फिर हिंदू मंदिर पर हमला हुआ है। पिछले कुछ दिनों से यहां हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है। जानकारी के अनुसार यहां एक बार फिर मंदिर पर हमला हुआ है। बताया जा रहा है कि खालिस्तान समर्थकों (Khalistan supporters) ने मंदिर में तोड़फोड़ की है। मीडिया में चल रही खबरों की मानें तो शनिवार को ब्रिस्बेन के मशहूर श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर (Shri Lakshmi Narayan Temple) में खालिस्तान समर्थकों ने तोड़फोड़ की। मंदिर के अध्यक्ष सतिंदर शुक्ला ने स्थानीय मीडिया से यह बात कही।  

मंदिर के प्रमुख ने कहा कि सुबह के समय श्रद्धालु मंदिर में पूजा-पाठ के लिए पहुंचे थे, इसी दौरान उन्होंने देखा कि मंदिर की दीवार को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है।देखने से साफ़ पता चलता है कि मंदिर में तोड़फोड़ हुई है। हिंदू ह्युमन राइट्स की निदेशक सारा गेट्स का कहना है कि सिख फॉर जस्टिस की तर्ज पर इस घृणा अपराध को अंजाम दिया गया है। यह ऑस्ट्रेलिया में रह रहे हिंदुओं को डराने के लिए किया गया है। फ़िलहाल पिछले कुछ समय से हिंदू मंदिर में हमले हो रहे हैं। 

12 जनवरी को पहली बार हुआ हमला

जनवरी में ही भारत विरोधी तत्वों ने 15 दिनों के भीतर ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न के तीन अलग-अलग हिस्सों में कई मंदिरों में तोड़फोड़ की थी। सबसे पहले 12 जनवरी को मेलबर्न के मिल पार्क में बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर को भारत विरोधी और हिंदू विरोधी नारों से भर दिया गया था। इसके बाद 18 जनवरी को मेलबर्न के श्री शिव विष्णु मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी। फिर पांच दिन बाद 23 जनवरी को मेलबर्न के अल्बर्ट पार्क में में बने इस्कॉन मंदिर में भारत विरोधी नारे लिखे गए थे।

एसजेएफ की करतूत

गौरतलब है कि इससे पहले ब्रिसबेन में एक गायत्री मंदिर को पाकिस्तान स्थित खालिस्तानी उग्रवादियों से फोन पर धमकी मिली थी। हिंदू ह्यूमन राइट्स की निदेशक सारा एल गेट्स ने कहा कि यह तरीका सिख फॉर जस्टिस (एसजेएफ) का है। यह लोग ऑस्ट्रेलियाई हिंदुओं को डराना चाहते हैं। गेट्स ने कहा कि यह गुट तरह-तरह के प्रोपोगैंडा, गैरकानूनी निशानों, साइबर बुलिंग आदि के जरिए ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले हिंदुओं को डराना चाहता है।

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