किसने बनाया हमारा तिरंगा और क्या है इसके पीछे की कहानी
भारतीय तिरंगे का इतिहास और उसकी पहचान देश की स्वतंत्रता की यात्रा से जुड़ी हुई है।
भारतीय तिरंगा ध्वज की डिजाइन का श्रेय पिंगली वेंकैया को जाता है, जो एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे।
पिंगली वेंकैया ने तिरंगे के डिजाइन को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की भावना को साकार करने के लिए चुना
पिंगली वेंकैया ने 1921 में महात्मा गांधी के सामने तिरंगे का प्रस्ताव रखा, जिसे स्वीकृति मिली।
उनके द्वारा डिजाइन किए गए तिरंगे में तीन रंग - केसरिया, सफेद, और हरा - स्वतंत्रता संग्राम के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हैं।
केसरिया रंग बहादुरी और बलिदान का प्रतीक है, सफेद रंग शांति और सच्चाई का, और हरा रंग समृद्धि और हरित क्रांति का।
तिरंगे में 24 तीलियों वाला अशोक चक्र जोड़ा गया, जो धर्म चक्र का प्रतीक है।
15 अगस्त 1947 को भारतीय तिरंगे को औपचारिक रूप से राष्ट्रीय ध्वज के रूप में स्वीकार किया गया।
पिंगली वेंकैया ने हमें एक ऐसा तिरंगा दिया, जो सिर्फ एक झंडा नहीं, बल्कि हमारे देश की संघर्ष और सपनों की कहानी है।