SEBI ने भारतीय सिक्योरिटीज मार्केट में घरेलू बचतों की गणना के तरीके में बदलाव का प्रस्ताव दिया है।

SEBI का कहना है कि मौजूदा पद्धति से घरेलू बचतों का सही आंकलन नहीं हो पाता।

RBI और MoSPI घरेलू बचतों का डेटा प्रकाशित करते हैं, जिसमें कुछ बदलाव की जरूरत बताई गई है।

SEBI ने तीन प्रमुख बदलावों का सुझाव दिया है।

पहला, निवेशकों की श्रेणियों को बेहतर तरीके से परिभाषित करना।

दूसरा, निवेश साधनों को सही ढंग से शामिल करना

तीसरा, नए घटकों को गणना में जोड़ना, जो वर्तमान में शामिल नहीं हैं।

निवेशकों को दो भागों में बांटा जाएगा – व्यक्तिगत और गैर-व्यक्तिगत

म्यूचुअल फंड, ETF और REIT को अब ज्यादा ध्यान में लिया जाएगा।

सेबी के इस प्रस्ताव से घरेलू बचतों की गणना और भी सटीक होगी।