RBI ने लगातार 10वीं बार रेपो रेट 6.5% पर स्थिर रखा है। इससे लोन की EMI में कोई बदलाव नहीं होगा।

पहले RBI का रुख 'सहायक' था, अब इसे 'न्यूट्रल' कर दिया गया है। इसका मतलब है कि RBI भविष्य में स्थिति के आधार पर रेट बढ़ा या घटा सकता है।

रेपो रेट में कोई बदलाव न होने से होम लोन की EMI फिलहाल स्थिर रहेगी। अगर महंगाई नियंत्रण में रहती है, तो दिसंबर तक रेट कट की संभावना है।

मौजूदा उच्च ब्याज दरों का लाभ उठाने का समय है। अगर भविष्य में रेट कट होती है, तो अभी FD में पैसा लगाकर अच्छा रिटर्न सुनिश्चित कर सकते हैं।

अगर आने वाले महीनों में ब्याज दरों में कटौती होती है, तो डेट फंड्स में निवेशकों को अच्छा मुनाफा मिल सकता है। इसलिए यह समय डेट फंड्स में निवेश बढ़ाने का है।

 लंबी अवधि के लिए इक्विटी फंड्स एक अच्छा विकल्प बने हुए हैं। अर्थव्यवस्था में सुधार होने से बाजार में लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न मिलने की उम्मीद है।

RBI ने वैश्विक अनिश्चितताओं और महंगाई पर नजर रखते हुए यह निर्णय लिया है। इसलिए निवेशकों को लोन और FD के संबंध में भविष्य में बदलावों के लिए तैयार रहना चाहिए।

अगर महंगाई नियंत्रण में रही, तो ब्याज दरों में कटौती हो सकती है, जिससे होम लोन और लोन धारकों को राहत मिलेगी।

 लोन धारक अपने मौजूदा लोन को स्थिर रख सकते हैं, FD धारक अभी निवेश कर सकते हैं

 म्यूचुअल फंड्स में निवेशकों को बाजार की स्थितियों को देखते हुए रणनीति बनानी चाहिए।