उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की जिसके दौरान उत्तर प्रदेश में IAS का पद संभाल रहे एक अफसर को सस्पेंड कर दिया गया है.
उत्तर प्रदेश में राज्य के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के द्वारा भ्रष्टाचार को लेकर कडी़ कार्रवाई की गई, जिसके दौरान एक IAS ऑफिसर पर गलत ढंग से जमीनों के पट्टों को लेकर आदेश देने के बारे में पता चलने पर उसे सस्पेंड कर दिया गया है.IAS ऑफिसर का नाम देवी शरण उपाध्याय बताया जा रहा है और यह भ्रष्टाचार का मामला अलीगढ़ से जुड़ा हुआ है. मिली हुई जानकारी के अनुसार अलीगढ़ की जमीनों के पट्टो पर गलत ढंग से आदेश देने का IAS ऑफिसर पर आरोप लगा है.

आईएएस ऑफिसर देवी शरण उपाध्याय के ऊपर आरोप लगा है कि उन्होंने अपनी मर्जी से जमीन के पत्तों का बंटवारा किया है. उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें कुछ समय पहले प्रयागराज के सदस्य न्यायिक राजस्व परिषद के पद से हटा दिया था. मिली हुई जानकारी के अनुसार आईएएस ऑफिसर देवी शरण उपाध्याय को उनके पद से हटकर राजस्व परिषद के साथ मिला दिया गया है.
आईएएस ऑफिसर देवी शरण उपाध्याय 2012 के सिविल बैच से है. उन्हें जुलाई 2022 में प्रयागराज के राजस्व परिषद मैं की गई थी. दरअसल उनके ऊपर अलीगढ़ में 35 जमीनों के पट्टो पर अपनी मर्जी अनुसार गलत फैसला देने का आरोप लगा है. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस मामले की जानकारी मिलने पर पहले तो आईएएस ऑफिसर देवी शरण को इंतजार में रखा गया लेकिन अब उन्हें उनके पद से हटा दिया गया है.

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री का पद संभाल रहे योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्यवाही की जिसमें आईएएस ऑफिसर देवी शरण उपाध्याय को जीरो टॉलरेंस नीति के तहत उनके पद से सस्पेंड कर दिया गया है. इस पूरे मामले की जांच करने के लिए एक अलग स्पेशल स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है ताकि इस मामले से जुड़ी हर चीज को बारीकी से परखा जा सके.