संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार से शुरू हो गया। बजट सत्र का यह चरण 6 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान कुल 17 दिन काम होगा। कार्यवाही शुरू होते ही सत्ता पक्ष ने विदेश में दिए गए कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयानों का मुद्दा उठाया। लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तो राज्यसभा में पीयूष गोयल ने कहा कि राहुल गांधी ने विदेश में जाकर देश को बदनाम किया है। उन्हें देश से माफी मांगना चाहिए
राहुल ने क्या कुछ कहा विदेश में।।
राहुल गांधी ने ब्रिटेन में यानी विदेशी धरती से उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर हमला बोला है। पिछले कुछ दिनों से वह लगातार सुर्खियों में थे। उनके बयानों से देश की सियासत गरम हो गई है। राहुल ने चीन, कश्मीर, लोकतंत्र, विदेश नीति से लेकर बीबीसी ड्रॉक्यूमेंटी पर बैन और क्रोनी कैपिटलिज्म तक के मसले उठाए हैं। उनका सबसे ताजा बयान आरएसएस की मुस्लिम ब्रदरहुड से तुलना को लेकर आया है। उन्होंने कहा है कि आरएसएस मुस्लिम ब्रदरहुड की तर्ज बना है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष यह भी बोले हैं कि संसद में बोलते वक्त उनका माइक बंद कर दिया जाता है। 3 मार्च को राहुल ने कैब्रिज यूनिवर्सिटी में व्याख्यान दिया था। फिर सोमवार को उन्होंने चैथम हाउस नाम के एक थिंक टैंक से बात करते हुए तकरीबन हर मुद्दे पर अपनी राय रखी। इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) राहुल गांधी पर हमलावर है। उसने राहुल पर विदेशी धरती से भारत को बदनाम करने का आरोप लगाया है। पार्टी ने कहा है कि उनके बयानों से देश की छवि धूमिल हो रही है। क्या विदेश में राहुल गांधी के बयानों से वाकई देश की छवि पर असर पड़ता है?
सत्ताधर पार्टी ने राहुल पर निशाना साधा।
पीयूष गोयल ने राज्यसभा में कहा कि राहुल ने देश का अपमान किया है। कांग्रेस देश में इमरजेंसी लगाने की वाली पार्टी है। इसके नेता विदेश में जाकर कर रहे हैं कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है।
पीयूष गोयल के बयान पर राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जवाब दिया। माफी की मांग खारिज करते हुए खरगे ने कहा कि राहुल गांधी इस सदन (राज्यसभा) के सदस्य नहीं हैं। ऐसे में नेता सदन का बयान आपत्तिजनकर है। खरगे ने आरोप लगाया कि सरकार मूल मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है, इसलिए ऐसी बातें कर रही है। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित करना पड़ी।
विपक्षी दल भी बोलने से नही चुके।
वहीं विपक्षी दल केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का मामला उठा सकता है। आरोप है कि सरकार विपक्षी नेताओं की आवाज दबाने के लिए ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल कर रही है।
संसद में सभी सदस्य अपने विचार रखने को स्वतंत्र।।
बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत से पहले ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा है कि भारत में मजबूत बहुदलीय प्रणाली है और संसद में सभी सदस्य अपने विचार व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र हैं।
बहरीन में अंतर संसदीय संघ की 146वीं बैठक को संबोधित करते हुए उनका यह बयान परोक्ष रूप से राहुल गांधी के कैंब्रिज में दिए गए उस बयान के संदर्भ में देखा जा रहा है, जिसमें कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया था कि सदन में विपक्ष को बोलने नहीं दिया जाता।
राहुल गांधी के उक्त बयान को राज्यसभा के सभापति और उपसभापति ने भी खारिज कर दिया था। अब बिरला ने अंतरराष्ट्रीय मंच से ही विश्व को संदेश दिया है कि भारतीय संसद में सदस्यों को अपने विचार निर्बाध रूप से रखने का अधिकार है।