मध्यप्रदेश में कुछ महीनो बाद विधानसभा चुनाव होना हैं सरकार के ऊपर एक बड़ी जिम्मेदारी है नाराज चल रहे नेता को मानने की जिम्मेदारी पार्टी की हैं उसी के चलते मध्य प्रदेश के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में अब केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल को चुना गया हैं
इसके पहले यह बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का पद बीडी शर्मा देख रहे थे
प्रहलाद सिंह पटेल कौन हैं।
प्रहलाद सिंह पटेल मध्य प्रदेश में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं. उनका जन्म 28 जून, 1960 को नरसिंहपुर मध्य प्रदेश में हुआ था. केंद्र की मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में वह ‘जल शक्ति मंत्रालय में राज्य मंत्री’ और ‘खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री’ हैं. 2014 और 2019 लोकसभा चुनावों में वह मध्य प्रदेश के दमोह से निर्वाचित हुए. प्रहलाद सिंह पटेल भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञ हैं. इसके पूर्व वह अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में कोयला राज्य मंत्री रह चुके हैं
मध्य प्रदेश भाजपा में प्रतिदिन हो रहा विवादों, बयान बाजी और नेताओं में नाराजगी को देखते हुए कल रात वरिष्ठ नेताओं की बैठक में दो बातें सामने आई है एक तो नाराज नेताओं को मनाने का काम केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को सौंपा गया है और दूसरा मंत्रिमंडल विस्तार के माध्यम से कुछ नेताओं की नाराजगी कैसे दूर की जा सकती है?
दरअसल सागर में मंत्रियों के बीच हुए घटनाक्रम और विवाद में विधायकों की नाराजगी के बाद कल रात आनन-फानन में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय विशेष विमान से दिल्ली से भोपाल आए । ये तीनों नेता पहले राजभवन गए वहां उन्होंने राज्यपाल से कोई आधे घंटे तक चर्चा की। बाद में यह तीनों नेता मुख्यमंत्री निवास पर पहुंचे जहां प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और हितानंद शर्मा पहले से मौजूद थे।
माना जा रहा है कि यह इन सारे वरिष्ठ नेताओं के बीच पार्टी में चल रही नाराजगी और नेताओं को मनाने की कवायद के तरीके पर चर्चा हुई। किस तरह डैमेज कंट्रोल किया जाए ताकि आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को कोई नुकसान ना हो। विधायकों और पार्टी को कुछ नेताओं की नाराजगी को देखते हुए मंत्रिमंडल विस्तार पर भी चर्चा हुई है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बैठक में यह भी चर्चा हुई परफॉर्मेंस के आधार पर कुछ मंत्रियों को हटाया जाए और कुछ के विभाग बदले जाएं। जातीय और क्षेत्रीय समीकरण साधने मंत्रियों की संख्या में इजाफा भी किया जाए और मंत्रिपरिषद में पूरी क्षमता के साथ मंत्री हो। अभी मंत्री परिषद में 30 मंत्री हैं और और 4 और विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है।