उत्तर प्रदेश विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और उत्तरप्रदेश मुखयमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच तीख़ी बहस देखने को मिली। सीएम योगी ने सपा अध्यक्ष के पिता मुलायम सिंह यादव के बयान का जिक्र किया था. जिस पर अब अखिलेश यादव ने पलटवार किया है. अपने पिता स्व. मुलायम सिंह यादव को याद कर अखिलेश यादव सदन में बेहद भावुक हो गए।
क्या हुआ विधानसभा में।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अभिभाषण के दौरान सपा के हंगामे को लेकर कहा था कि मातृशक्ति की प्रतीक महिला राज्यपाल जब सदन को संबोधित कर रही थीं, उस समय नारे लगाना, उनको वापस जाने का कहना, असंसदीय व्यवहार करना कितना सही है? ये प्रदेश की आधी आबादी का अपमान करने जैसा है. जब सालों पहले गेस्ट हाउस कांड में घटना हुई थी, तब भी इनका आचरण सामने आया था. इस दौरान सीएम ने नेताजी के बयान ‘लड़के हैं, गलती कर देते हैं’ का जिक्र किया और कहा कि जब ये लोग लोकतंत्र की बात करते हैं, तो आश्चर्य होता है.
इस पर अखिलेश यादव ने खड़े होकर रेप के आरोपी चिन्मयानंद का जिक्र किया और कहा, ”ये भी बताएं कि चिन्मयानंद किसका गुरु है? शर्म आनी चाहिए…” यह सुनते ही सीएम योगी भड़क उठे और अखिलेश की ओर इशारा करते हुए बोले, “शर्म तुम्हें करनी चाहिए, जो अपने बाप का भी सम्मान नहीं कर पाए…” इस दौरान दोनों नेताओं के बीच आमने-सामने तीखी बयानबाजी शुरू हो गई।
अखिलेश यादव ने विकास पर सरकार को घेरा
यूपी विधानसभा में अखिलेश यादव ने विकास को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा और नीति आयोग के आंकड़ों का जिक्र करते हुए विकास की दिशा में यूपी को बहुत पीछे करार दिया. उन्होंने कहा कि सबका साथ, सबका विकास या राम राज्य, बिना समाजवाद के संभव नहीं है. अखिलेश ने कहा कि ये सरकार का यह सातवां बजट है और हर साल सरकार ऐतिहासिक और सबसे बड़ा बजट पेश करने का दावा करती है, लेकिन इतने बजट पेश करने के बाद भी यूपी की स्थिति कई मानकों पर सुधरी नहीं है.
जातिगत जनगणना की मांग कर रहे -यही रामराज्य, यही समाजवाद।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आरोप पर अखिलेश ने कहा, ‘नेता सदन ने कहा 46 में से 56 यादव एसडीएम की भर्ती हुए, मैं जातियों के नाम पढ़ सकता हूं जिनकी भर भर्ती हुई थी, उस समय 2011 में 30 भर्ती हुई जिसमें यादव सिर्फ 5 थे, 2012 में 3 यादव थे, अब नेता सदन इस सूची को जारी करें, इसी समानता के लिए हम जातिगत जनगणना की मांग कर रहे हैं, यही रामराज्य है और यही समाजवाद है।